Sheetal Devi Paralympics 2024: भारत की महज 17 साल की शीतल देवी वर्ल्ड रिकॉर्ड बनान से एक अंक रह गई पीछे, तीरंदाजी देख हैरान रह गए दर्शक!!
Sheetal Devi Paralympics 2024: आप को बता दें कि भारत की पैरा तीरंदाज शीतल देवी ने गुरुवार को पेरिस पैरलंपिक 2024 में महिलाओं की व्यक्तिगत कंपाउंड ओपन तीरंदाजी स्पर्धा के रैकिंग में दूसरे स्थान पर रही और सीधे राउंड ऑफ 16 में पहुंच गई।
आपको जानकारी के लिए बता दें कि शीतल देवी, जो कि बिना हाथों पैदा हुई थी और शूटिंग के लिए अपने पैरों का इस्तेमाल करती है। ऐसे में उन्होंने 720 में से 703 का स्कोर हासिल किया।
इस महीने की शुरुआत में ग्रेट ब्रिटेन की फोबे पाइन पैटरसन द्धारा बनाए गए 698 के पिछले रैंकिंग राउंड वर्ल्ड रिकॉर्ड को पार कर लिया। हालांकि 17 वर्षीय शीतल देवी तूर्की के ओज्नूर क्यूरे से पीछे रहीं, जिन्होंने रैंकिंग राउंड में 704 अंक से साथ नया वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया। ईरान की फेतेमेह हेममती 696 के साथ तीसरे स्थान पर रहीं।
तूर्की के क्यूरे ने कहा कि,’मैंने हमेंशा इसके बारे में सपना देखा है। मैं हर रात इसके बारे में सोचती थी। पिछले तीन वर्षों से हर रात मैं वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने का सपना देख रही थी।’
उन्होंने आगे कहा कि, ‘मुझे पता था कि शीतल के साथ स्कोर काफी करीब था। इस वजह से मैं और भी खुश हूं, क्योंकि ये जानते हुए भी स्कोर कितना करीब था। मैं अपनी बॉडी और अपनी शूटिंग को नियंत्रित करने में सक्षम थी। मैं अपना लक्ष्य हासिल करने में सक्षम थी।’
चिली के पैरा तीरंदाज, जिन्होंने रैंकिंग में 15वां स्थान प्राप्त किया, वह राउंड ऑफ 32 में रिपब्लिक ऑफ कोरिया की चोई ना मी के खिलाफ होंगी, जो रैंकिंग में 18वें स्थान पर रहीं।
शीतल ने कहा, “मैंने अच्छे प्रदर्शन के साथ अच्छी शुरुआत की। अगर मैं इस स्तर को बनाए रख सकती हूं और सुधार कर सकती हूं, तो मेरे पास भारत के लिए पदक जीतने और अपने देश को गौरवान्वित करने का मौका होगा,”।
शीतल देवी का जीवन रहा कठिनाईयों भरा
बता दें कि शीतल देवी का जन्म फोकोमेलिया के साथ हुआ था, जो की एक जन्मजात बीमारी है, जिसके कारण अंग विकसित नहीं हो पाते है। इस स्थिति के परिणामस्वरुप उनकी भुजाएं पूरी तरह से विकसित नहीं हो पाई।
शीतल देवी का ऐसा रहा है सफर (Sheetal Devi Paralympics 2024)
पिछले साल हांगझोऊ में एशियाई पैरा खेलों में शीतल देवी ने खेलों के एक ही संस्करण में दो स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनकर इतिहास रच दिया था।
उन्होंने व्यक्तिगत कंपाउंड ओपन स्पर्धा और मिश्रित टीम कंपाउंड ओपन में स्वर्ण पदक जीते और हांगझोऊ में महिला युगल कंपाउंड ओपन में रजत पदक भी जीता था। शीतल देवी ने प्लजेन में 2023 वर्ल्ड चैंपियनशिप में व्यक्तिगत स्पर्धा में रजत पदक भी जीता।